Pages

Sunday, June 13, 2021

Yoga for Digestion | कब्ज़ के लिए योग | Yoga for Constipation

मौसमे जीवन

आज मौसम अच्छा था
मेरी बीवी ने समझा मुझको बच्चा था
ठंडी हवा के साथ
डाल हाथो में हाथ
वो मुस्काई, फिर धीरे से फुसफुसाई
कुछ तो बता दो, कैसे जिंदगी मुझ बिन बिताई
कोई तो नज़र में आया होगा
कही तो कदम लड़खड़ाया होगा
किसी को तो दिल की बात बताई होगी
कोई न कोई हसीना तो जीवन में आई होगी
अब तो बता दो, भरोसा रखो
इन 12 सालो का, एक तस्वीर दिखा दो
कोई याद नही आता 
किसी से तो होगा पुराना नाता
कहा किस उम्र में खुला था तुम्हारा खाता
तुम तो बता दो, कोई नही बताता
मैं बस मौन था, 
मन मे यादों का भवर, चेहरा बिन भावो के
और लब्जो पे ताले पर जुबान पे कौन था
कौन, अरे क्या बात कर दी
इतनी हिम्मत नही, जो मैं कुछ कर पाता
और इस लायक भी नही था कि कोई पास आता
इतना न चढ़ावो, तुमने तो हद कर दी,
तुम्हारी दुआओ में था असर इतना
मैं कहाँ जाता, कहाँ जा पाता
जब आना था तुम्हारे पास
और पाना था बेपनाह प्यार इतना,
कोई तुमसा नही, तुमसे पहले
नज़ारे बेअसर थे  और नज़रे स्वेत थी
हम बस जिये जा रहे थे
धड़कने चल रही थी, फिर भी खामोश थी,
मिले जो तुमसे तो जाना, कि हम भी जिंदा है
मेरे पास दिल भी है, और हसरते परिंदा है
नज़ारे तब लगे रंगीन मुझको
उड़ा दिन का चैन, और राते लगी संगीन मुझको,
तुम्ही हो पहली हसरत, तुम्हीं हो आखिरी तमन्ना मेरी
तुम्ही हो नज़रो का नूर, धड़कन, मंजिल मेरी
पिघला के दिल, मोड़ बातों का रुख
बचा पाया मैं मौसम और जीवन का सुख,
एक सीख दे रहा हूँ सभी याद रखना
राज़ को दिल मे दबा रखना, घर आबाद रखना
यू ही समय समय पर परीक्षा होगी
बीवी प्यार से पूछेगी, फिर रुस्वा होगी

भय ही प्रबल है।

दो उल्लू एक वृक्ष पर आ कर बैठे। एक ने साँप अपने मुँह में पकड़ रखा था।  दूसरा एक चूहा पकड़ लाया था।  दोनों जैसे ही वृक्ष पर पास-पास आकर बैठे।...