Pages

Tuesday, March 29, 2022

Eye Opening Truth

कई साल पहले की बात है. मेरे एक मित्र की दुकान पर एक सभ्य महिला बालों में लगाने के लिए एक छोटा सा clutcher लेने के लिए आई.

मेरे मित्र ने उसे एक clutcher निकाल कर दिखाया और उस महिला के द्वारा उस clutcher का मूल्य पूछने पर उसे 5 रुपये बताया.

Clutcher की बिना कोई जाँच परख किए वह महिला बोली क्या भैया कोई बढ़िया सा clutcher दिखाइए न.

मेरे मित्र ने उस clutcher को अंदर रखा और बिल्कुल वैसा ही दूसरा clutcher निकाल कर अपनी शर्ट पर रगड़ते हुए कहा लीजिए यह कोरियन clutcher है, एकदम लेटेस्ट और बढ़िया.

उस महिला ने clutcher अपने हाथ में लिया, उसे एक दो बार खोला और बंद किया और फिर बालों में लगाकर देखा और फिर उसका मूल्य पूछा.

मेरे मित्र ने उस महिला को 20 रुपये मूल्य बताया. उस महिला ने 2 clutcher लिए और पैसे देकर चली गई.

उन clutcher का सही मूल्य मात्र 36 रुपये दर्जन था जिसे कि मेरा ग्राहक 5 रुपये प्रति clutcher बेच रहा था.

उस महिला के द्वारा clutcher को देखे बिना मात्र 5 रुपये का होने के कारण तिरस्कार भाव से मना कर दिए जाने के कारण मेरे मित्र ने उसे 20 रुपये प्रति clutcher दिया.

जब मेरे मित्र ने यह बात मुझे बताई तो बोला कि जो औरतें सामान को केवल उसके कम मूल्य के आधार पर कम अच्छी क्वालिटी का आँकती हैं वो ज्यादातर सस्ती वस्तुएं महँगे मूल्य पर खरीद कर लाती हैं.


--Quora से साभार लिया गया

Thursday, March 24, 2022

मिशन कश्मीर

मिशन कश्मीर
खून बहा, नदियों में नीर
खो कर अपना धीरज धीर
डाल पगों में धर्म जंजीर
खींचे मानवता की चीर
विषय पटल है अति गंभीर
उस पर व्यावसायिकता खीर
अपना निज फल देखे पीर
बिन सोचे लोगो की पीर
मिट गया रांझा, लूट गई हीर
किसको माने सच्चा मीर
जग में फैला निरंकुश भीर

Wednesday, March 23, 2022

मुलाकात

आज बहुत दिनों बाद खुद से मुलाकात हुई
कुछ पुरानी यादें जवां हुई, कुछ खुद से बात हुई
वो लम्हे आंखों में ऐसे सज गए जैसे
कल ही मिले थे आज बिछड़ गए कैसे
वो बचपन के पल, वो बाते भरी नादानी
कितने हसीन दिन थे जो खो गए आते ही जवानी
लिख जाते थे हर एक बात अपनी डायरी में हम
ऐसे उलझे, हुए गुम, अपना मिलना ही हुआ कम
समय बहुत था पास, जीवन रंगीन, निराला था
ये आलम बेबसी का अब, ना जाने क्यू आना था
काश वो दिन लड़कपन के कोई लौटा देता
मान उसे खुदा मैं, उसपर खुद को लूटा देता

Wednesday, March 16, 2022

Farewell Poem

younger days dream, passionate desire
become true and real when St. John's hire
elders blessings, youngers fondness
colleagues support was my true buttress

learning and teaching, teaching and learning
my whole day routine, even now in dreams
nine years spent in this process
never take rest or any recess
faith of ma'am and desire to grow
overcome all hurdles and confusion at throw

school is my destination, children are goal
their marks are my reward, that's my world whole

but the day has come when progress calling
I have to rise without stuck and never falling
gaining knowledge and make your way to progress
should be the only ultimate motive of every personage
thanks to all for making my way too smooth
I adore you all from my heart and its true
blessing you all and hope to receive the same
life needs to go on and every one has to play his own game
going to start a new journey with blessing of you all
you will all remember always, in spite of spring & fall

                                                        Your Truly Loving


भय ही प्रबल है।

दो उल्लू एक वृक्ष पर आ कर बैठे। एक ने साँप अपने मुँह में पकड़ रखा था।  दूसरा एक चूहा पकड़ लाया था।  दोनों जैसे ही वृक्ष पर पास-पास आकर बैठे।...