हम भारतीय है, हम जानते है जीवन में माँ का मह्त्व क्या है? फिर भी हम अंग्रेजो के सिखाए रास्ते पे चलते चले जा रहे है। क्या अपनी माँ को याद करने या उसकी महत्ता को समझने के लिए यही एक दिन साल का बचा है हमारे [पास ?
जिस माँ ने अपने बरसो न्योछावर कर दिए हमे इस लायक बनाने में, हम इस लायक भी नहीं बन पाये की उसे याद कर पाये, एक दिन बस एक दिन हमने अंग्रेजो की भाँति तय कर दिया उस माँ के लिये।
माँ, जो कभी कुछ नहीं कहती, हमारी ख़ुशी में खुश रहती है, हमारे गम में रोती है, हमेशा तत्पर रहती है हमारी जरुरतो के लिए, बेचैन रहती है हमारे सुखों के लिए, हमेशा इसी सोच में डूबी रहती है की क्या कर जाये हमारे लिए, और हम जीवन की उहा पोह में इस कदर डूब जाते है की सब भूल कर बस ये याद रख पाते है की १० मई को मदर्स डे है, मम्मी के लिए कुछ करना चहिये।
कुछ करना चहिये…?? बस साल के एक दिन वो भी इतने सोच विचार के बाद, वाह रे हम भारत की संताने, बचपन से हम भारत माता की जय के नारे लगाते चले आ रहे है, भारत माता के लिए मरने मिटने को तैयार रहते है, पर जो माँ हमारे लिए मर मिट रही है उसके लिए हमारे पास समय नहीं है. उस माता के बारे में हमने कभी सोचा ही नहीं क्यों भाई ऐसा क्यों ??
सो भारत की संतानो बस इतना समझ लो हर दिन माँ का दिन है क्योकि जो भी दिन हम देख रहे है या देख पा रहे है सब हमारी माता की ही देन है.
तो माँ आपको मेरे जीवन के सभी दिन मुबारक, मैं कृतज्ञ हूँ आपका जो आपने मुझे इस लायक बनाया की मैं अपना, अपने परिवार का और सर्वोपरि आपका अच्छे से ख्याल रख पाउ, और आपकी सेवा से जीवन को सार्थक बना बना पाउ।