जिंदगी एक ख्वाब ही होती, तो अच्छा होता।
बुरे पल डराते, पर आँख खुलते
ही, पल में खो जाते,
नित नए पंख लगा, हम उड़ते ही जाते
तो अच्छा होता।
जिंदगी एक ख्वाब ही होती, तो अच्छा होता।
वो ख्वाइशों के पुल, वो सपनों की लड़िया,
हल पल नई कहानी, कुछ जानी, कुछ अनजानी,
हम युही उस बहाव में, बहते जाते तो अच्छा होता।
जिंदगी एक ख्वाब ही होती, तो अच्छा होता।
वो स्वप्न सुंदर नगरी, वो ख्वाबो की उड़ान,
वो पल में बदलते छड़, वो तृप्ति की मुस्कान,
इन्ही पलों में गुजरता जीवन, ख्वाब सच्चा होता ।
जिंदगी एक ख्वाब ही होती, तो अच्छा होता।
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अमित कुमार श्रीवास्तव