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Wednesday, September 16, 2015

Tere Ishq Me....!!!!!!

कभी अल्फ़ाज़ भूल जाउ, कभी ख़याल भूल जाउ 
तुझे इस कदर चाहू के अपनी साँस भूल जाउ 
उठ कर तेरे पास से जो मैं चल दू, तो जाते हुए खुद को तेरे पास भूल जाउ 

अब उनकी मोहब्बत में ये आलम आ गया, 

ठंडी हवा का झोंका भी हमे जला गया, 
कहता है आप यहा तरसते ही रह गये, 
मैं तुम्हारे सनम को छु कर आ गया 

साथ अगर दोगे तो मुस्कराएँगे ज़रूर, 
प्यार अगर दिल से करोगे तो निभाएँगे ज़रूर 
राह मे कितने भी काँटे क्यू ना हो, 
आवाज़ अगर दिल से दोगे तो आएँगे ज़रूर. 

मेरी कलम से लफ्ज़ खो गये शायद, आज वो भी बेवफा हो गये शायद, 
जब नींद खुली तो पलकों मे पानी था,  मेरे ख्वाब मुझ पे ही रो गये शायद 

मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही,  अब रातों को जागना अच्छा लगता हैं, 
मुझे न्ही मालूम वो मेरी किस्मत मे हैं की नही,  मगर उसे खुदा से माँगना अच्छा ल्गता है. 

हर शख्स से उलफत का इक़रार नही होता, 
हर चेहरे से दिल को कभी प्यार नही होता 
जो रूह को छ्छू जाए, जो दिल मे उतार जाए 
उसी से इश्क़ का लफ़्ज़ों में इज़हार नही होता.. 

सासे थम सी जाती हैं पर जान नही जाती, 
दर्द होता हैं पर आवाज़ नहीं आती, 
अजीब से लोग हैं इस दुनिया में,
कोई भूल नही पता तो किसी को याद नही आती 

क़ातिल तेरी अदाओं ने लूटा हैं, 
मुझे तेरी जफ़ाओं ने लूटा हैं, 
शौक नही था मुझे मर मिटने का 
साकी नशीली निगाहों ने लूटा हैं, 
बिखरी हैं खुश्बू तेरी साँसों की, 
मुझ को तो इन हवाओं ने लूटा है, 
चैन से भला कैसे सो सकता हूँ, 
रातों को तेरे खवाबों ने लूटा है 
बहुत खूब हैं तेरे हुस्न की आडया, 
चाँदनी को तूने चंदा से लूटा है.

 वो इनकार करते हैं इकरार के लिए, 
नफ़रत भी करते हैं तो प्यार के लिए, 
उल्टी चाल चलते है ये इश्क़ करने वाले 
आँखें बंद करते हैं दीदार के लिए 

खुदा बिना जाने केसे रिश्ते बना देता हैं 
अंजाने लोगो को दिल में बसा देता हैं, 
जिन्हे हम कभी जानते भी ना थे, 
उन्हे जान से भी ज़्यादा कीमती बना देता है 

सब भूल जाता हू आपके सिवा,  ये क्या मुझे हुआ हैं 
क्या इसी एहसास को दुनिया ने , प्यार का नाम दिया हैं. 

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भय ही प्रबल है।

दो उल्लू एक वृक्ष पर आ कर बैठे। एक ने साँप अपने मुँह में पकड़ रखा था।  दूसरा एक चूहा पकड़ लाया था।  दोनों जैसे ही वृक्ष पर पास-पास आकर बैठे।...