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Saturday, April 8, 2023

कही अनकही बातें

बात करने से बात बनती है
बिन बात भी बात छनती है
कुछ बात हों तो बात करो
बिन बात कहा बात चलती है
लोग कुछ बात, बातों में नही कह पाते
वही बाते, आगे चल के बातें बनती है।

  - अमित श्रीवास्तव 

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भय ही प्रबल है।

दो उल्लू एक वृक्ष पर आ कर बैठे। एक ने साँप अपने मुँह में पकड़ रखा था।  दूसरा एक चूहा पकड़ लाया था।  दोनों जैसे ही वृक्ष पर पास-पास आकर बैठे।...