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Thursday, February 27, 2025

What is BF?

A young boy said to a young girl: "I am your BF! I am your BF!"

The girl asked: "What is BF?"

The boy smiled and said: "BF means Best Friend."

 

As they grew up, the girl became very beautiful. One day, the boy said again: "I am your BF!"

The girl blushed and asked: "What does BF mean now?"

The boy replied: "BF means Boyfriend."

 

A few years later, they got married and had kids. The husband said to his wife: "I am your BF!"

The wife smiled and asked: "What does BF mean now?"

The husband looked at their children and said: "BF means Baby’s Father."

 

As they grew old, they sat together one evening. The old man said: "My dear, I am your BF!"

The woman laughed and asked: "What does BF mean now?"

The old man smiled and said: "BF means Be Forever."

 

On his deathbed, the old man said: "I am your BF."

The woman, crying, asked: "What does BF mean now?"

The old man replied: "BF means Bye Forever."

 

After some time, the old woman passed away too. 

Their children placed their photo together and wrote: "BF means Besides Forever."

Tuesday, February 25, 2025

ऐसा क्यू है..??


ए जिंदगी तू इतनी नरक क्यू है                               (स्वर्ग का उल्टा)

हमेशा दिल में रहती एक कसक क्यू है                          (कमी का अहसास)

हर दम कुछ पाने की ठरक क्यू है                             (तीव्र इक्छा)

हाथों से तू रोज थोड़ी जाती सरक क्यू है                         (फिसल)

मेरी हकीकत मेरे सपनों से फरक क्यू है                         (अंतर)

समय, जीवन का सबसे बड़ा हरक क्यू है                        (अपहरण करने वाला , चोर)

दूसरों को देख वैसा बनने की परक क्यू है                       (किसी दूसरे शरीर में प्रवेश कराने की क्रिया या भाव)

हर कोई दूसरे की जिंदगी का चरक क्यू है                        (गुप्तचर, जासूस, भेदिया, दूत)

चाय हमेशा लगती फीकी बिन अदरक क्यू है  

आज का शिव केवल मदिरा का धारक क्यू है                     (धारण करने वाला)

काम पड़े सब आधे-अधूरे कोई मिलता नहीं पूरक क्यू है             (पूरा करने वाला)

राम जैसा रत्न जड़ित खोया वो हीरक क्यू है                     (हीरा नामक रत्न)

ढूढने से भी नहीं मिलता हमको कोई तारक क्यू है                  (तारने वाला)

सोशल मीडिया, टीवी , सिनेमा रिश्तों का मारक क्यू है              (मारने वाला)

धर्म जाती जनता में फ़ैला घृणा वितारक क्यू है                    (बाँटने वाला)

हर व्यक्ति बस बन कर बैरी अपना विस्तारक क्यू है                (फैलने वाला)

अब नहीं बनते निस्वार्थ प्यार के अडिग स्मारक क्यू है              (यादगार जगह)

सबको बस हर समय चाहिए उत्साह उर्वरक क्यू है                  (बढ़ाने वाला)

मिल जाते मिट्टी में रिश्ते, जल के छारक क्यू है                  (भस्म, राख, खारा नमक)

कोई नहीं है इस दुनिया में रोग निवारक क्यू है                   (निवारण करने वाला)

आज का मानव मैली, कुचली, दूषित दुर्भावना का प्रेरक क्यू है         (प्रेरित करने वाला)

करता नहीं दिल से है कोई कभी मुबारक क्यू है                   (शुभ)

कोई जो सब करे व्यवस्थित नहीं विचारक क्यू है                  (विचार करने वाला)

जनता बदली देश है बदला , स्वयं संहारक क्यू है                  (संहार करने वाला)

जिसको देखो बना है बैठ सबका का सुधारक क्यू है  

नेता, जनता, अभिनेता, सब धर्म प्रचारक क्यू है  

कुर्सी पर बैठा सिर्फ अपने कर्म का प्रसारक क्यू है

पत्थर दिल

सुनाई नहीं देता तुम्हें!!

सुधा वह मेहमानों के लिये गद्दों की व्यवस्था करनी है । कब से कह रहा हूँ ।सुनाई नहीं देता तुम्हें।" मेरे पति ने जोर से कहा तो मुझे गुस्सा आ गया।

"तो मैं क्या बैठी हुई हूँ।जब देखो रोब दिखाते है आप।" मैने जबाब दिया तो चुपचाप जाकर पारुल(उनकी बहन) से कुछ कहने लगे।

आज मेरी बेटी की शादी है।हम दोनों कई दिनो से तैयारियो मे लगे हैं।ना खाने की सुध ना सोने की।

मुझे बिट्टी के जुदाई का बहुत दुख था।आँखें भर भर आ रही थी। कल से मैं खुब रोई भी हूँ। बिट्टी ने भी रो रोकर बुरा हाल कर लिया है।

पर मेरे पति के चैहरे पर कोई शिकन नही है।यह आदमी इंसान है या पत्थर?

पहले भी जब तब बच्चों को उनकी गलती पर डाँटने की आदत थी ।गुस्सा नाक पर रहता है।

खैर शादी अच्छे से हो गई।सुबह विदाई के वक्त मैं बिट्टी से टिपट कर बहुत रोई। मेरी आँखें सुज गयीं।बिट्टी काबी यही हाल था पर उन्होंने बस उसके सिर पर हाथ फेरा और हलुवाई, टेंट , दुधवाले का हिसाब करने मे व्यस्त हो गये।

बिल्कुल पत्थरदिल है यह आदमी।सीने मे दिल ही नही है। शायद सारे मर्द ऐसे ही होते हैं।निर्दयी।मैने सोचा।

मुझे यह भी ख्याल नहीं आया कि एक एक रुपये की व्यवस्था इन्होंने कैसे की होगी और शादी के अन्य कामों की व्यवस्था भी।

दोपहर का वक्त था।

मेरी आँखे सुज कर लाल हो गई थी। मैने खाना खा लिया और इनका इंतजार कर रही थी।

यह कमरे मे आये तो मैने खाना परोस दिया और इनके बगल मे बैठ गई।

उन्होंने कुछ देर मेरी आँखों मे देखा और फिर अचानक ही मेरी गोद मे गिर कर बिलख बिलख कर रो पडे।

मेरा कलेजा सन्न रह गया।

उन्होंने खाने को एक तरफ सरका दिया और रोते हुए बोले - "मुझसे नहीं खाया जाएगा सुधा।मेरे कलेजे का टुकडा चला गया , मैं खाना कैसे खा पाउँगा।"

तब मुझे ख्याल आया कि इन्होंने तो कल सुबह से ही खाना नही खाया है। मुझे अपनी ओछी सोच पर ग्लानि होने लगी।

मैने तो खाना भी खा लिया और यह इंसान अपनी बेटी के जुदाई के गम मे कल से भुखा है। इस पत्थर के नीचे प्यार का मीठा झरना भी बह रहा है यह मुझे आज मालुम हुआ।

ये मर्द भी अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं बस हम औरतो की तरह दिखा नही पाते।

मुझे अपने पति पर बहुत प्यार आया।मैने खाना लिया और उनके मुँह के पास ले गई। उन्होंने मुँह नही खोला ।

मेरे मुँह से निकला "आपको आपकी बिट्टी की कसम।"

उन्होंने झट से कौर मुँह मे ले लिया ।

आँसूँ अभी भी उनकी आँखो से बहे जा रहे थे।और मेरी भी।

पत्थर मोम हो गया था

नया सवेरा

  नया सवेरा , नई शुरुआत , खुशियों के संग , सपनों के साथ। जूनियर स्कूल की यादें प्यारी , अब सीनियर स्कूल की बारी।   हर कोने में नई उमंग...