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Friday, December 6, 2019

मेरा देश बदल रहा है..

मेरा देश बदल रहा है, कुछ अच्छा हो रहा है.
अच्छे दिन आएंगे , अच्छे दिन आएंगे
सुना तो बहुत था, मगर यकीं नहीं था
लगा ये भी बस एक चुनावी सगूफा ही बन का रह जायेगा
मगर नहीं आज अच्छा दिन आया,
भले ही ये चुनावी वादा न हो,
भले ही किसी का पहले से तय इरादा न हो
पर कुछ हुआ, सोच बदली, देश बदला।
जय हो इन वीरो को, इनको सोच को
इनके किये काम को, पापियों के अंजाम को
अब नहीं खिलाएंगे, बिठा के जेल में,
जो कुछ भी होगा, जल्दी होगा.
घिनौनी सोच पे लगाम लगानी होगी
नहीं तो ऐसे ही चौराहे पे गोली खानी होगी
माँ, बहन , बेटी अब सुरक्छित होंगी.
सब पर कानून की अब कड़ी नजर होगी.
क्यों कुछ ही लोग इस करनी को अंजाम दे
क्यों नहीं न्याय व्यवस्था इसे अपना नाम दे
जब डर होगा, सीने में, भय होगा पीने  में.
कोई नहीं निकलेगा , गलत राहों पे ,
बहुत सकूँ होगा जीने में,
                            - अमित 

Friday, March 8, 2019

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

तू माँ है, तू बहना 
तू मोती , तू गहना !
तू पत्नी, तू बेटी 
हर दुःख तू हर लेती !
तू दोस्त, तू साथी 
हर पल एक महारथी !
तू शिक्षक, तू पालक 
आजीवन संचालक  !
तू कर्ता , तू ही कर्मी 
तू ही दुर्गा, तू लक्ष्मी !
नमन है शत शत बारम्बार 
तुम्हे मुबारक आज का वार !!
  
   - अमित कुमार श्रीवास्तव

भय ही प्रबल है।

दो उल्लू एक वृक्ष पर आ कर बैठे। एक ने साँप अपने मुँह में पकड़ रखा था।  दूसरा एक चूहा पकड़ लाया था।  दोनों जैसे ही वृक्ष पर पास-पास आकर बैठे।...