नही अकेली है बलशाली, तुझमें अटूट है दम
तू है दुर्गा, तू ही अंबे, तू है माता काली
सारे जग में नाम करे तू, निडर घूम डाली डाली
कदम से कदम मिला कर चलना, कभी नही तू डरना,
क्या मजाल कोई कुछ भी बोले, जो चाहे वो करना
तू ही माता, तू ही बहना, तू ही बेटी प्यारी
तू ही सिखाए, प्यार करे और सींचे क्यारी क्यारी
पड़े जरूरत डांट के बोल तू, तेज़ आवाज़ में भारी
नही समय अब दबने का है, तू है आज की नारी
कुछ भी तू बन सकती है, तू कुछ भी कर सकती है
तुझमें साहस, तुझमें शक्ति, तुझमें महिमा बसती है
तान के चल तू सीना अपना, सर को नही झुकाना
नई रीत है, नया दौर, नारी का नया जमाना
जीत है तेरी पक्की अब तो, सारी दुनिया हारी
कर विश्वास निकल रस्ते पे, ठान ले, कर जंग जारी
इंदिरा बन, प्रतिभा बन तू, बन रजिया, लक्ष्मी संहारी
जान ले अब तू आज की नारी, है तू सब पर भारी
- अमित कुमार श्रीवास्तव
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