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Sunday, November 29, 2020

कोई अपने घर में दिया यूँ जलाये

कोई अपने घर में दिया यूँ जलाये
कि उसका उजाला मेरे घर में आये || 

लपेटे है मुझको उदासी लता सी
उदासी है छायी हृदय पर घटा सी
कोई अपने घर इस तरह गुनगुनाये
कि आवाज उसकी मेरे घर में आये || 

नहीं ज्ञात मुझको कि मधुमास क्या है
नहीं ज्ञात है पुष्प की बास क्या है
कोई फूल जूड़े में  ऐसे  सजाये
कि खुशबु हवा से मेरे घर में आये || 

अकेला पड़ा हूँ मै छोटे से  घर में
हूँ अजनबी इस  अनोखे शहर में
कोई अपना घर इस तरह भूल जाये
कि अपना समझ कर  मेरे घर में आये  ||

कोई अपने घर में दिया यु जलाये.......

भय ही प्रबल है।

दो उल्लू एक वृक्ष पर आ कर बैठे। एक ने साँप अपने मुँह में पकड़ रखा था।  दूसरा एक चूहा पकड़ लाया था।  दोनों जैसे ही वृक्ष पर पास-पास आकर बैठे।...