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Friday, July 5, 2024

Oldest Living Bollywood Personality (DOB <= 1950)

SNNamEDate of BirthAGE
1Mrs. Mumtaz Begum7-Apr-1923101
2Mrs. Kamini Kaushal16-Jan-192797
3Mr. Gulzar18-Aug-193489
4Mrs. Kalpana Kartik19-Sep-193192
5Mr. Anandji Virji Shah2-Mar-193391
6Mrs. Asha Bhonsle8-Sep-193390
7Mr. Madhavan Nair (Madhu)23-Sep-193390
8Mr. Achyut Potdar22-Aug-193489
9Mr. Shyam Benegal14-Dec-193489
10Mr. Prem Chopra23-Sep-193588
11Mr. Salim Khan24-Nov-193588
12Mr. Dharmendra8-Dec-193588
13Mrs. Waheeda Rehman14-May-193688
14Mrs. Shushma Seth20-Jun-193688
15Mrs. Vyjayanthimala13-Aug-193687
16Mrs. Mala Sinha11-Nov-193687
17Mr. Biswajit Deb Chatterjee14-Dec-193687
18Mr. Manoj Kumar24-Jul-193786
19Mr. Ram Sethi15-Nov-193885
20Mrs. Helen21-Nov-193984
21Mr. Bharat Kapoor1-Jan-194084
22Mr. K.J. Yesudas10-Jan-194084
23Mrs. Shubha Khote20-Mar-194084
24Mr. Govind Nihalani19-Aug-194083
25Mr. Asrani1-Jan-194183
26Mr. Sanjay Khan3-Jan-194183
27Mr. Roshan Seth2-Apr-194282
28Mr. Jeetendra7-Apr-194282
29Ms. Asha Parekh2-Oct-194281
30Mr. Amitabh Bachchan11-Oct-194281
31Mr. Arun Bali23-Dec-194281
32Mrs. Tanuja Mukherjee23-Sep-194380
33Mrs. Saira Banu23-Aug-194479
34Mr. Parikshit Sahni3-Sep-194479
35Mrs. Rajshree8-Oct-194479
36Mr. Kulbhushan Kharbanda21-Oct-194479
37Mr. Amol Palekar24-Nov-194479
38Mrs. Sharmila Tagore8-Dec-194479
39Mrs. Anjana Bhowmick30-Dec-194479
40Mr. Javed Akhtar17-Jan-194579
41Mr. Subhash Ghai24-Jan-194579
42Mr. Rajendra Gupta22-Feb-194579
43Mrs. Surekha Sikri19-Apr-194579
44Mr. Mohan Joshi4-Sep-194578
45Mrs. Aparna Sen25-Oct-194578
46Mr. Shekhar Kapoor6-Dec-194578
47Mr. Shatrughan Sinha9-Dec-194578
48Ms. Anju Mahendru11-Jan-194678
49Mr. Kabir Bedi16-Jan-194678
50Mr. Benjamin Gilani20-Mar-194678
51Mr. Sudhir Dalvi6-Apr-194678
52Mr. Ranjeet12-Nov-194677
53Mr. Suresh Oberoi17-Dec-194677
54Mr. Randhir Kapoor15-Feb-194777
55Mr. Mahendra Sandhu18-Apr-194777
56Mr. Ashok Saraf4-Jun-194777
57Mr. Mohan Agashe23-Jul-194776
58Mrs. Mumtaz31-Jul-194776
59Mr. S.M. Zaheer5-Jul-194777
60Mrs. Raakhee Gulzar15-Aug-194776
61Ms. Simi Garewal17-Oct-194776
62Mrs. Usha Uthup7-Nov-194776
63Mr. Danny Denzongpa25-Feb-194876
64Mrs. Jaya Bhaduri Bachchan9-Apr-194876
65Mrs. Babita20-Apr-194876
66Mr. Anjan Srivatsav2-Jun-194876
67Ms. Sulakshana Pandit12-Jul-194875
68Mr. Anant Nag4-Sep-194875
69Mr. Mahesh Bhatt20-Sep-194875
70Mrs. Hema Malini16-Oct-194875
71Mr. Raj Kiran5-Feb-194975
72Mrs. Padma Khanna10-Mar-194975
73Mrs. Farida Jalal14-Mar-194975
74Mr. Kanwarjit Paintal alis Paintal22-Apr-194975
75Mr. Rakesh Roshan6-Sep-194974
76Mr. Mithun Chakraborty16-Jun-195074
77Mr. Anil Dhawan27-Nov-195073

Monday, July 1, 2024

कोटि कोटि धन्यवाद



कोटि कोटि धन्यवाद मित्रो..

                                   🥰🙏

🙏🙏

Monday, March 18, 2024

भय ही प्रबल है।




दो उल्लू एक वृक्ष पर आ कर बैठे। एक ने साँप अपने मुँह में पकड़ रखा था। 
दूसरा एक चूहा पकड़ लाया था। 
दोनों जैसे ही वृक्ष पर पास-पास आकर बैठे। एक के मुँह में साँप, एक के मुँह में चूहा। 
साँप ने चूहे को देखा तो वह यह भूल ही गया कि वह उल्लू के मुँह में है और मौत के करीब है। चूहे को देख कर उसके मुँह में रसधार बहने लगी। वह भूल ही गया कि मौत के मुँह में है। उसको अपनी जीवेषणा ने पकड़ लिया। 
और चूहे ने जैसे ही देखा साँप को, वह भयभीत हो गया, वह काँपने लगा। ऐसे ही मौत के मुँह में फसा है, मगर साँप को देख कर काँपने लगा। 
वे दोनों उल्लू बड़े हैरान हुए। 
एक उल्लू ने दूसरे उल्लू से पूछा कि भाई, इसका कुछ राज समझे ? 
दूसरे ने कहा, बिलकुल समझ में आया। 
जीभ की, रस की, स्वाद की इच्छा इतनी प्रबल है कि सामने मृत्यु खड़ी हो तो भी दिखाइ नही पड़ती। 
और यह भी समझ में आया कि भय मौत से भी बड़ा है: मौत सामने खड़ी है, उससे यह भयभीत नहीं है चूहा, लेकिन भय से भयभीत है कि कहीं साँप हमला न कर दे।'

निष्कर्ष -  
मौत से हम भयभीत नहीं हैं, हम भय से ज्यादा भयभीत हैं। 
और लोभ स्वाद का, इंद्रियों का, जीवेषणा का इतना प्रगाढ़ है कि मौत चौबीसों घंटे खड़ी है, तो भी हमें दिखाई नहीं पड़ती। 
हम अंधे बने हुये हैं। 
पूरी जिंदगी की यही सच्चाई है कि हम सभी काल के मुख में फसे हुए हैं किंतु अपने इंद्रियों के वसीभूत होकर लोभ रस की, स्वाद की इच्छा, तृष्णा, वासना इतनी प्रबल रखते हैं कि भूल जाते हैं कि मौत सामने खड़ी है और कब उसका निवाला बन जाए।

Friday, March 8, 2024

तुम्हें मुबारक महिला दिवस

बहुत मुबारक, महिला दिवस

ए, महिलाओ, मेरे जीवन की,

शांत पड़े, मेरे जीवन मे

भूचाल, बवंडर लाने की,

नीरस से, इस दैनिक पल मे

हर एक रस, मिलाने की,

कड़वा, मीठा, खट्टा, खारा

पल पल, भर भर, पिलाने की,

रंग भी होते है, दुनिया मे

ये अहसास, कराने की,

बदल, बदल कर, रंग हजारों

सब अवगत, करवाने की,

पल मे माशा, पल मे तोला

बदल बदल, भरमाने की,

खुशियां, आँसू, दुख और चिंता

देने की, ले जाने की,

पैसे से, खुशिया नहीं मिलती

हर दिन, ये समझाने की,

आज दिया, कल फिर कुछ देना

क्या मजाल, भूल जाने की,

गर भूले तो, माह पाप है

खेलूँगी होली, बरसने की,

खाली घर को आकर भरना

भर भर के, तड़पाने की,

सब छूट गए, सब टूट गए

केवल खुद से, जुड़ जाने की,

चैन गया , सुकून गया अब

सज़ा, पास तुम्हें, लाने की,

इंकछा गई, मन मार लिया

बस, एक तमन्ना, तुम्हें पाने की,

धन, दौलत सब लूटा रहे

कोशिश, तुझे, खुश, कर जाने की,

मना रहे बस, तेरा दिवस ही

हर पल, हर वर्ष, छोड़ चिंता, जमाने की,    

तुम्हें मुबारक, महिला दिवस

ओ, महिलाओ, मेरे जीवन की।

-    अमित कुमार श्रीवास्तव

Friday, February 23, 2024

सबसे बड़ी सम्पत्ति

एक दिन एक किसान का बैल कुएँ में गिर गया।

वह बैल घंटों ज़ोर -ज़ोर से रोता रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिऐ और क्या नहीं। अंततः उसने निर्णय लिया कि चूंकि बैल काफी बूढा हो चूका था अतः उसे बचाने से कोई लाभ होने वाला नहीं था और इसलिए उसे कुएँ में ही दफना देना चाहिऐ।

किसान ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया, सभी ने एक-एक फावड़ा पकड़ा और कुएँ में मिट्टी डालनी शुरू कर दी। जैसे ही बैल कि समझ में आया कि यह क्या हो रहा है वह और ज़ोर-ज़ोर से चीख़ चीख़ कर रोने लगा और फिर, अचानक वह आश्चर्यजनक रुप से शांत हो गया।

सब लोग चुपचाप कुएँ में मिट्टी डालते रहे, तभी किसान ने कुएँ में झाँका तो वह आश्चर्य से सन्न रह गया. अपनी पीठ पर पड़ने वाले हर फावड़े की मिट्टी के साथ वह बैल एक आश्चर्यजनक हरकत कर रहा था, वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को नीचे गिरा देता था और फिर एक कदम बढ़ाकर उस पर चढ़ जाता था।

जैसे-जैसे किसान तथा उसके पड़ोसी उस पर फावड़ों से मिट्टी गिराते वैसे -वैसे वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को गिरा देता और एक सीढी ऊपर चढ़ आता जल्दी ही सबको आश्चर्यचकित करते हुए वह बैल कुएँ के किनारे पर पहुंच गया और फिर कूदकर बाहर भाग गया ।

ध्यान रखे आपके जीवन में भी बहुत तरह से मिट्टी फेंकी जायेगी बहुत तरह की गंदगी आप पर गिरेगी जैसे कि, आपको आगे बढ़ने से रोकने के लिए कोई बेकार में ही आपकी आलोचना करेगा, कोई आपकी सफलता से ईर्ष्या के कारण आपको बेकार में ही भला बुरा कहेगा, कोई आपसे आगे निकलने के लिए ऐसे रास्ते अपनाता हुआ दिखेगा जो आपके आदर्शों के विरुद्ध होंगे.

ऐसे में आपको हतोत्साहित हो कर कुएँ में ही नहीं पड़े रहना है बल्कि साहस के साथ हर तरह की गंदगी को गिरा देना है और उससे सीख ले कर उसे सीढ़ी बनाकर बिना अपने आदर्शों का त्याग किये अपने कदमों को आगे बढ़ाते जाना है।

सकारात्मक रहे सकारात्मक जिए!

इस संसार में सबसे बड़ी सम्पत्ति *"बुद्धि "*, सबसे अच्छा हथियार *"धैर्य"*, सबसे अच्छी सुरक्षा *"विश्वास"*, सबसे बढ़िया दवा *"हँसी"* है और आश्चर्य की बात कि *"ये सब निशुल्क हैं "*

Thursday, January 25, 2024

ऐसा क्यू है

ए जिंदगी तू इतनी नरक क्यू है                             (स्वर्ग का उल्टा)
हमेशा दिल में रहती एक कसक क्यू है                       (कमी का अहसास)
हर दम कुछ पाने की ठरक क्यू है                           (तीव्र इक्छा)
हाथों से तू रोज थोड़ी जाती सरक क्यू है                      (फिसल)
मेरी हकीकत मेरे सपनों से फरक क्यू है                      (अंतर)
समय, जीवन का सबसे बड़ा हरक क्यू है                    (अपहरण करने वाला , चोर)
दूसरों को देख वैसा बनने की परक क्यू है            (दूसरे शरीर में प्रवेश करने ka भाव)
हर कोई दूसरे की जिंदगी का चरक क्यू है                 (गुप्तचर, जासूस, भेदिया, दूत)
चाय हमेशा लगती फीकी बिन अदरक क्यू है  
आज का शिव केवल मदिरा का धारक क्यू है                     (धारण करने वाला)
काम पड़े सब आधे-अधूरे कोई मिलता नहीं पूरक क्यू है             (पूरा करने वाला)
राम जैसा रत्न जड़ित खोया वो हीरक क्यू है                      (हीरा नामक रत्न)
ढूढने से भी नहीं मिलता हमको कोई तारक क्यू है                  (तारने वाला)
सोशल मीडिया, टीवी , सिनेमा रिश्तों का मारक क्यू है              (मारने वाला)
धर्म जाती जनता में फ़ैला घृणा वितारक क्यू है                    (बाँटने वाला)
हर व्यक्ति बस बन कर बैरी अपना विस्तारक क्यू है               (फैलने वाला)
अब नहीं बनते निस्वार्थ प्यार के अडिग स्मारक क्यू है              (यादगार जगह)
सबको बस हर समय चाहिए उत्साह उर्वरक क्यू है                  (बढ़ाने वाला)
मिल जाते मिट्टी में रिश्ते, जल के छारक क्यू है               (भस्म, राख, खारा नमक)
कोई नहीं है इस दुनिया में रोग निवारक क्यू है                   (निवारण करने वाला)
आज का मानव मैली, कुचली, दूषित दुर्भावना का प्रेरक क्यू है         (प्रेरित करने वाला)
करता नहीं दिल से है कोई कभी मुबारक क्यू है                   (शुभ)
कोई जो सब करे व्यवस्थित नहीं विचारक क्यू है                  (विचार करने वाला)
जनता बदली देश है बदला , स्वयं संहारक क्यू है                  (संहार करने वाला)
जिसको देखो बना है बैठ सबका का सुधारक क्यू है  
नेता, जनता, अभिनेता, सब धर्म प्रचारक क्यू है  
कुर्सी पर बैठा सिर्फ अपने कर्म का प्रसारक क्यू है

Sunday, June 18, 2023

पिता भी जरूरी

बिन कहे जो समझ जाए

बिन मांगे जो दे जाए
हमारी एक मुस्कान पे लूट जाए
हमारे एक आंसू पे बिखर जाए

साथ हो तो सारा जहान अपना
देने पे आए तो आसमान अपना
आशीर्वाद से उसके हर मुकाम अपना
प्यार से महके उसके गुलिस्तान अपना

खुद रहे भूखा की भर दे पेट हमारा
तन पे उसके एक ही कपड़ा, कपड़ो का अंबार हमारा
तमन्नाये अपनी बुझा दी, जला इक्छादीप हमारा
फिक्र नहीं खुद के अंधेरों की, भरे हमारे जीवन में उजियारा

समझने वाले समझ गए होंगे
मैं किसकी बात करता हूं
नहीं दोस्तो भ्रम न करना
मैं आज मां नही, बाप बाप करता हूं

कम नहीं पिता का भी योगदान, हमारे जीवन में
की त्यागा उसने भी है, अपना हर मुकाम जीवन में
मना के मां का दिन हम उसको तबज्जो खूब देते है
चलो आज पिता दिन मना, कमी को दूर करते है।

- अमित कुमार श्रीवास्तव 

I am thankful 🙏