कई साल पहले की बात है. मेरे एक मित्र की दुकान पर एक सभ्य महिला बालों में लगाने के लिए एक छोटा सा clutcher लेने के लिए आई.
मेरे मित्र ने उसे एक clutcher निकाल कर दिखाया और उस महिला के द्वारा उस clutcher का मूल्य पूछने पर उसे 5 रुपये बताया.
Clutcher की बिना कोई जाँच परख किए वह महिला बोली क्या भैया कोई बढ़िया सा clutcher दिखाइए न.
मेरे मित्र ने उस clutcher को अंदर रखा और बिल्कुल वैसा ही दूसरा clutcher निकाल कर अपनी शर्ट पर रगड़ते हुए कहा लीजिए यह कोरियन clutcher है, एकदम लेटेस्ट और बढ़िया.
उस महिला ने clutcher अपने हाथ में लिया, उसे एक दो बार खोला और बंद किया और फिर बालों में लगाकर देखा और फिर उसका मूल्य पूछा.
मेरे मित्र ने उस महिला को 20 रुपये मूल्य बताया. उस महिला ने 2 clutcher लिए और पैसे देकर चली गई.
उन clutcher का सही मूल्य मात्र 36 रुपये दर्जन था जिसे कि मेरा ग्राहक 5 रुपये प्रति clutcher बेच रहा था.
उस महिला के द्वारा clutcher को देखे बिना मात्र 5 रुपये का होने के कारण तिरस्कार भाव से मना कर दिए जाने के कारण मेरे मित्र ने उसे 20 रुपये प्रति clutcher दिया.
जब मेरे मित्र ने यह बात मुझे बताई तो बोला कि जो औरतें सामान को केवल उसके कम मूल्य के आधार पर कम अच्छी क्वालिटी का आँकती हैं वो ज्यादातर सस्ती वस्तुएं महँगे मूल्य पर खरीद कर लाती हैं.
--Quora से साभार लिया गया
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