मेरा जीवन मेरी बातें....... अब कहने को बहुत कुछ है... जीवन भी इतना लंबा गुज़ार चुका हू अब तक, पर आप बस उतना ही जाने जितना आप एंजोय कर सके और कुछ उपयोगी, सोचने योग्य तथ्य.
Here Few interesting Moments of my life and some valuable stuff for you all...
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Thursday, October 31, 2019
Tuesday, June 18, 2019
मैं अकेला
कभी खुद से बातें करता हूँ, कभी खुद को तन्हा पाता हूँ,
ये समय अजब है जीवन का, खुद को भी समझ न आता हूँ,
कभी तन्हां जीवन लगे भला, कोई बंदिश नहीं, ना ज़िम्मेदारी
कभी लगे काटने यादें आ, सब कुछ करना, हो सर भारी,
कभी लगे उड़ जाऊ पंखा लगा, नए आकाश में दूरो मैं,
कभी लगे कट गए पंख मेरे, अब कैसे रहू अकेले मैं,
कभी पैर फैला के सोना यूँ, जैसे सारा आकाश मेरा,
कभी सोच सोच के ये रोना, तन्हा काटे बिस्तर मेरा,
कभी शोर से बच गए सोच सोच, मन में बजती है तरल तरंग ,
कभी कोई नहीं है सुनने को, किसकी मैं सुनु, खोई सारी उमंग ,
कभी ये सोचु, कोई जिद नहीं, ना कोई धमकाए अच्छा है,
पर ख़ाली घर जब काटे तो, फिर यही लगे दिल बच्चा है,
नहीं रह सकता मैं तेरे बिना, ऐ हमदम मेरे समझ ले तू,
सब छड़ीक भावनाएं है मेरी, जो सोचे रहु अकेले मैं |
बिन बच्चो के, बिन प्यार बिना, नहीं कटता जीवन मेरा है
कुछ दिन ही लगे बरस जैसे, हूँ पड़ा व्यर्थ धरती पर मैं. ||
- अमित कुमार श्रीवास्तव
ये समय अजब है जीवन का, खुद को भी समझ न आता हूँ,
कभी तन्हां जीवन लगे भला, कोई बंदिश नहीं, ना ज़िम्मेदारी
कभी लगे काटने यादें आ, सब कुछ करना, हो सर भारी,
कभी लगे उड़ जाऊ पंखा लगा, नए आकाश में दूरो मैं,
कभी लगे कट गए पंख मेरे, अब कैसे रहू अकेले मैं,
कभी पैर फैला के सोना यूँ, जैसे सारा आकाश मेरा,
कभी सोच सोच के ये रोना, तन्हा काटे बिस्तर मेरा,
कभी शोर से बच गए सोच सोच, मन में बजती है तरल तरंग ,
कभी कोई नहीं है सुनने को, किसकी मैं सुनु, खोई सारी उमंग ,
कभी ये सोचु, कोई जिद नहीं, ना कोई धमकाए अच्छा है,
पर ख़ाली घर जब काटे तो, फिर यही लगे दिल बच्चा है,
नहीं रह सकता मैं तेरे बिना, ऐ हमदम मेरे समझ ले तू,
सब छड़ीक भावनाएं है मेरी, जो सोचे रहु अकेले मैं |
बिन बच्चो के, बिन प्यार बिना, नहीं कटता जीवन मेरा है
कुछ दिन ही लगे बरस जैसे, हूँ पड़ा व्यर्थ धरती पर मैं. ||
- अमित कुमार श्रीवास्तव
Monday, March 25, 2019
मतलबी दुनियाँ...!!!!
इस छड़ीक सी दुनिया में,
जहा समय है कितना पता नहीं,
सब लोग लगे, धन खाने में,
है पता, कफ़न में जेब नहीं.
नहीं रहा रिश्ते का मोल कोई,
कोई प्यार नहीं, कोई मेल नहीं,
सब लगे है अपने अच्छे में,
कोई जिए, मरे ये फेर नहीं,
सब मानवता बस नाटक है,
अपनेपन का कोई जोर नहीं,
बस करो, भरो, मेरा साया बनो,
प्रिये, वरना तुम मेरे प्रेम नहीं,
बस भर जाये ये पेट मेरा,
दावानल लगी है, इक्छा की,
तुम मर जाओ, तुम कट जाओ,
इस सबकी मुझको चिंता नहीं.,
मेरा मतलब बस मेरा है,
तेरा मतलब बर्दास्त नहीं,
जब तक मैं बोलू सुना करो,
तेरा सुनना मुझे रास नहीं.
है आज जमाना ऐसा ही,
सब लगे है बस अपने ही लिए,
बस माँ और बाप, दो प्राणी है,
जिनको बदले का मोह नहीं..!
- अमित कुमार श्रीवास्तव
जहा समय है कितना पता नहीं,
सब लोग लगे, धन खाने में,
है पता, कफ़न में जेब नहीं.
नहीं रहा रिश्ते का मोल कोई,
कोई प्यार नहीं, कोई मेल नहीं,
सब लगे है अपने अच्छे में,
कोई जिए, मरे ये फेर नहीं,
सब मानवता बस नाटक है,
अपनेपन का कोई जोर नहीं,
बस करो, भरो, मेरा साया बनो,
प्रिये, वरना तुम मेरे प्रेम नहीं,
बस भर जाये ये पेट मेरा,
दावानल लगी है, इक्छा की,
तुम मर जाओ, तुम कट जाओ,
इस सबकी मुझको चिंता नहीं.,
मेरा मतलब बस मेरा है,
तेरा मतलब बर्दास्त नहीं,
जब तक मैं बोलू सुना करो,
तेरा सुनना मुझे रास नहीं.
है आज जमाना ऐसा ही,
सब लगे है बस अपने ही लिए,
बस माँ और बाप, दो प्राणी है,
जिनको बदले का मोह नहीं..!
- अमित कुमार श्रीवास्तव
Friday, March 8, 2019
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
तू माँ है, तू बहना
तू मोती , तू गहना !
तू पत्नी, तू बेटी
हर दुःख तू हर लेती !
तू दोस्त, तू साथी
हर पल एक महारथी !
तू शिक्षक, तू पालक
आजीवन संचालक !
तू कर्ता , तू ही कर्मी
तू ही दुर्गा, तू लक्ष्मी !
नमन है शत शत बारम्बार
तुम्हे मुबारक आज का वार !!
- अमित कुमार श्रीवास्तव
तू मोती , तू गहना !
तू पत्नी, तू बेटी
हर दुःख तू हर लेती !
तू दोस्त, तू साथी
हर पल एक महारथी !
तू शिक्षक, तू पालक
आजीवन संचालक !
तू कर्ता , तू ही कर्मी
तू ही दुर्गा, तू लक्ष्मी !
नमन है शत शत बारम्बार
तुम्हे मुबारक आज का वार !!
- अमित कुमार श्रीवास्तव
Tuesday, January 8, 2019
कोशिश
कुछ छूटा है, टूटा है, पाने की कोशिश
बेईमान दिल है, मनाने की कोशिश
क्या चाहता हू, क्या नहीं, जान जाने की कोशिश
कही बिगड़ न जाऊ, खुद को, बचाने की कोशिश
हूँ हैरान, परेशान क्यू, समझ जाने की कोशिश
कुछ करने, कुछ पाने, बनाने की कोशिश
है राब्ता इस दुनिया से गहरा मेरा, सबको ये, समझाने की कोशिश
सबको अपना बना, सबका बन जाने
की कोशिश
है ख्वाबो में जो, हकीकत में अब, कर गुजर जाने की कोशिश
हूँ नाकाम कुछ इरादो, जज़बातो में, उन्हे पाने की कोशिश
इस राख़ से जीवन को, तारों सा सजाने की कोशिश
छा जाने की बुलंदी पर, सवर जाने की कोशिश
भटका बहुत हूँ, उलझा हुआ हूँ, अब तो सकुन पाने की कोशिश
बस कटे ये जीवन अपनों में अब, उन्हे अपना बनाने की कोशिश
कोशिश, कोशिश, कोशिश, सब कर, सब पा, गुजर जाने कोशिश !!
- अमित कुमार श्रीवास्तव
Monday, December 31, 2018
२०१९ - नव वर्ष की ढेरो बधाइ और प्रेम के साथ
आया नया साल, मनाओ खुशिया
करो स्वागत, जो आया है नई उमंगे लेकर
कुछ आशा, कुछ विश्वास संग
नई उम्मीदे, नए समय की, नई प्रसंगे लेकर
अपार सफलता सभी पा जाये, रहे न कुछ भी बाकी
सब खुश हो कर जीवन काटे, सब रंगीला, कुछ नहीं खाकी
यही कामना हम है करते, दिन प्रतिदिन ही दिल से
सब खुश हो संग मिल के रहे बस, बचे न कुछ भी सबसे
दो हजार उन्ननिस (२०१९) संग लाये अपने, सारी यश , धन, कीर्ति
जो छूटा था, मिला नहीं, रहा बकाया अट्ठारह(२०१८) में हमसे
आपका अपना
- अमित कुमार श्रीवास्तवा
करो स्वागत, जो आया है नई उमंगे लेकर
कुछ आशा, कुछ विश्वास संग
नई उम्मीदे, नए समय की, नई प्रसंगे लेकर
अपार सफलता सभी पा जाये, रहे न कुछ भी बाकी
सब खुश हो कर जीवन काटे, सब रंगीला, कुछ नहीं खाकी
यही कामना हम है करते, दिन प्रतिदिन ही दिल से
सब खुश हो संग मिल के रहे बस, बचे न कुछ भी सबसे
दो हजार उन्ननिस (२०१९) संग लाये अपने, सारी यश , धन, कीर्ति
जो छूटा था, मिला नहीं, रहा बकाया अट्ठारह(२०१८) में हमसे
आपका अपना
- अमित कुमार श्रीवास्तवा
Sunday, April 29, 2018
Listing Heart is Feels Good Sometimes..!!!!
Some times its good to listen heart, despite of all if and buts, all puzzled thoughts, all rubbish work and keep aside all ego, "badappan", Man nature.
Really its feel Good, to do some thing "Hat Ke", which is just not suits to your nature or sun-sign.
It doesn't necessary that your act will change everything according to you or suits u, or make environment favorable to you, but u will feel satisfied.
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